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Showing posts from November, 2018

88/7 दे दो...

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प्यारे दोस्तों यह एक गणितीय हास्य लघु कहानी है, जो कि मनोरंजन के उद्देश्य से लिखी गई है......            बात उन दिनों की है, जब गांव में टेंट हाउस नहीं हुआ करते थे। मेरी ननद सलोनी की...

मैं राह देखती खड़ी द्वार

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मैं राह देखती खड़ी द्वार, प्रियतम आ जाओ एक बार..... सुन लो दिल की करुण पुकार, कब होगा तेरा दीदार। कब होंगी फिर आंखें चार, जरा बताना मुझको यार। मैं राह देखती खड़ी द्वार, प्रियतम आ जाओ एक बार..... अंखियां दुखती पंथ निहार, अश्रु निकलते बारम्बार। निशिि-वासर मैं करूं इंतजार, तन्हाई डालेगी मार। मैं राह देखती खड़ी द्वार, प्रियतम आ जाओ एक बार..... तुम बिन फीके सब त्योहार, रूखा लगता है आहार। तुम्हें बुलाए मेरा प्यार, पहना दे बांहों का हार। मैं राह देखती खड़ी द्वार, प्रियतम आ जाओ एक बार.....          ****** मनोज कुमार 'अनमोल'    रतापुर, रायबरेली       उत्तर प्रदेश

प्रियतम तेरी याद सताती

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मधुर मिलन की स्मृतियां जब नैनों में है छाती, प्रियतम तेरी याद सताती, प्रियतम तेरी याद सताती... वो उपवन में तेरा आना, नयन दृष्टि का टकराना, मृदुल मनोरम अंगुलियों का, अनुलेपन सा सहलाना, वो अधरों का मेरा चुंबन, बाहुपाश का आलिंगन, मृदु यादें तड़पाती, प्रियतम तेरी याद सताती, प्रियतम तेरी याद सताती... मधुर मिलन की स्मृतियां, जब नैनों में है छाती, प्रियतम तेरी याद सताती, प्रियतम तेरी याद सताती... यौवन रूपी सुमन खिला है, प्रियतम भंवरे आ जाओ, प्रेम का संगीत सुनाकर, रस मेरा तुम पी जाओ, तुम बिन पृथक न जी पाएंगे, रैन बहुत तड़पाती, प्रियतम तेरी याद सताती, प्रियतम तेरी याद सताती...          ****** मनोज कुमार 'अनमोल'

भगवान जी को शुगर व्यंग्य

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       एक दिन भगवान शंकर मेरे सपने में आए                 मुझे देख कर मुस्कुराए।      बोले बेटा एक बात कहता हूं, ध्यान से सुनना,    मेरी इस फरियाद को, मेरे अन्य भक्तों से भी कहना। कहना कि अब लोग, प्रसाद में मीठी चीजे ना चढ़ाया करें,       हो सके तो नमकीन का भोग लगाया करें।      मैंने कहा हे प्रभु! यह आप क्या कह रहे हैं?    ईश्वर होकर भी आप मीठी चीजों से डर रहे हैं,       तब उन्होंने कहा कि तुम मनुष्य सोचते होगे,        कि हम देवता अमर हैं, मर नहीं सकते हैं।          लेकिन बीमारी से तो जकड़ सकते हैं।                   मीठी चीजें खा-खाकर,         सभी देवी-देवताओं को शुगर हो गया...

सरस्वती वंदना

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            हे मां सरस्वती, वर दो, वर दो,      तम से भरे पथ को मेरे, आलोकित कर दो।      चित्त कलुषता दूर करो, मेधा में प्रवीण करो,      जो टूट रहे हैं स्वर मेरे, उनमें नव गति भर दो।             हे मां सरस्वती, वर दो, वर दो,      तम से भरे पथ को मेरे, आलोकित कर दो। दुर्गुण पापों को दूर करो, जो लक्ष्य चुने वह पूर्ण करो, प्रगति मार्ग पर बढ़ता जाऊं, उत्साह हृदय में भर दो।              हे मां सरस्वती, वर दो, वर दो,       तम से भरे पथ को मेरे, आलोकित कर दो।     दंभ, लोलुपता दूर करो, पथ कांटों को फूल करो,        सो रहे भाग्य को मैया मेरे, तुम जागृत कर दो।              हे मां सरस्वती, वर दो, वर दो,  ...