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Showing posts from March, 2023

राम नाम सुखदाई

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राम नाम सुखदाई -------------------------------------  प्रभु राम नाम सुखदाई,  सुमिरन कर लो भाई। जिनके अंदर थी सच्चाई,  सागर जैसी थी गहराई। प्रेम, उदारता जिनके मन में समाई,  जो करते थे सब की भलाई। हर लेंगे जीवन की कठिनाई, सुमिरन कर लो भाई। जय-जय-जय राम गोसाईं।। -----------------------‐‐------------ मनोज कुमार अनमोल   रतापुर, रायबरेली         उत्तर प्रदेश 

जल है तो कल है

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    जल है तो कल है -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×- ये है भू का सत्य अटल, जल होगा तो, होगा कल।  हिमगिरि से पिघल-पिघल, नदियों में बहता कल-कल। कितना मृदु, कितना शीतल, पान करें हम जल निर्मल। कृषक सींचते अपनी फसल, तरु पीकर हमें देते फल। मत बर्बाद करो, भूजल, संग्रह करो, इसे भूतल। -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-     मनोज कुमार अनमोल        रतापुर, रायबरेली              उत्तर प्रदेश

गौरैया प्यारी

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गौरैया प्यारी -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×- कहां गई गौरैया प्यारी?  अब ना दिखती है बेचारी।  सूना आंगन, सूनी अटारी,  बाग, बगीचे और फुलवारी। ध्वनि थी जिसकी एकदम न्यारी, चुगने आती बारी-बारी। थी नन्हीं वो जीवधारी, संकटग्रस्त हुई बेचारी।  आओ बने हम मंगलकारी,  यह संदेश खगहित में जारी। -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×- मनोज कुमार अनमोल   रतापुर, रायबरेली        उत्तर प्रदेश

नन्हीं गौरैया

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       नन्हीं गौरैया -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×- मैं हूँ नन्हीं सी गौरैया, मुझे बचा लो प्यारे भैया। घर मेरा तुम नहीं उजाड़ो , छत पर दाना पानी डालो। हरे-भरे तुम पेड़ लगाओ, रेडिएशन से हमें बचाओ। घर आंगन में आऊंगी, बिखरे दाने खाऊंगी। मैं मैं ही चिरई और चिरैया, मैं हूँ संकटग्रस्त गौरैया। मुझे बचा लो प्यारे भैया, मैं हूँ नन्ही सी गौरैया। -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-    मनोज कुमार अनमोल        रतापुर रायबरेली            उत्तर प्रदेश

मैं नारी हूँ

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     मैं नारी हूँ  -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×- मैं वसुधा की नारी हूँ,  जन-जन मंगलकारी हूँ ..... मैं फूलों की क्यारी हूँ,  बच्चों की किलकारी हूँ।  गृहिणी, भगिनी, महतारी हूँ,  घर-घर की उजियारी हूँ।  मैं वसुधा की नारी हूँ,  जन-जन मंगलकारी हूँ .....  मैं प्रियतम की प्यारी हूँ,   प्रेम की पिचकारी हूँ।  कृति ब्रह्मा की न्यारी हूँ,  श्रद्धा की अधिकारी हूँ।  मैं वसुधा की नारी हूँ,  जन-जन मंगलकारी हूँ .....  मैं दुर्गा की अवतारी हूँ,   मैं सिंह गर्जना कारी हूँ। दुष्टों  पर मैं भारी हूूँ,   विघ्नों से ना हारी हूूँ।  मैं वसुधा की नारी हूँ,  जन-जन मंगलकारी हूँ .....  मैं अबला, ना बेचारी हूँ,  नर से भारी नारी हूँ।  भारत मां की दुलारी हूँ,   मैं सबकी हितकारी हूँ।  मैं वसुधा की नारी हूँ,  जन-जन मंगलकारी हूँ .....  -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×--×-   मनोज कुमार अनमोल       रतापुर, रायबरेली          उत्तर प्रदेश