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Showing posts from January, 2022

शेर

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शेर ****************** मैं जंगल का राजा शेर,  बड़े-बड़ों को कर दूं ढेर।  मुझसे है क्या कोई दिलेर?  जो मार सके जंगल में घेर।  जल्दी बोलो हो रही देर,  क्योंकि मुझे दिखा है एक अहेर। ************************ मनोज कुमार अनमोल     रतापुर, रायबरेली        (उत्तर प्रदेश)

झंडा

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            झंडा ************************** तीन रंग का झंडा प्यारा, ऊंचा झंडा रहे हमारा। रंग केसरिया बलिदान बताता, श्वेत रंग है शांति दिखाता। हरा रंग समृद्धि दर्शाता, चक्र प्रगति करना बतलाता। आओ झंडे को करें नमन, हम सब गाए जन-गण-मन। **************************      मनोज कुमार अनमोल रतापुर, रायबरेली (उत्तर प्रदेश)

जलपरी

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         जलपरी -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×- मैं हूं जलपरी, मैं हूं जलपरी। आधी स्त्री, आधी शफरी, बैठी हूं शैवालों की हरी दरी, ये सरिता जीव-जंतु से बहुत भरी, कूड़े की मत फेंको इसमें गठरी,  यह लघु मीन है मेरी संतरी, निर्मल यौवन से मस्त भरी, मैं हूं जलपरी, मैं हूं जलपरी। -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-   मनोज कुमार अनमोल       रतापुर, रायबरेली         (उत्तर प्रदेश)

पानी भरने जाऊंगी

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               पानी भरने जाऊंगी -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×- अम्मा के संग मैं तो, पानी भरने जाऊंगी।  दादी चाहे जो कर ले, मैं आज नहीं मानूंगी।  अम्मा की अंगुली पकड़ कर, धीरे-धीरे जाऊंगी।  पोखर तक का रास्ता, मैं तो जान हीं जाऊंगी।  अम्मा से मटकी लेकर, जल ऊपर तक भर दूंगी।  और फिर धीरे-धीरे चल कर, घर तो पहुंच ही लूंगी।  इसी तरह मैं रोज-रोज जब, अम्मा के संग जाऊंगी। एक रोज मैं खुद मटकी लेकर, पोखर पर जाऊंगी।  पूरी मटकी न सही तो, आधी तो भर लाऊंगी। -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×--×-×-×-×-×-×-×-×-×-            मनोज कुमार अनमोल                रतापुर, रायबरेली                    उत्तर प्रदेश

निराशा

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            निराशा -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×- तितली सी खूबसूरत चंचल,      कोमल अंगों वाली।     मेरी सूनी बगिया में तू,     क्या रंग बिखेरने आई?    मैं प्रसून मुरझाया हुआ,  उष्ण पवन का मारा हुआ।  छिन्न पत्र मकरंद लुटा सा,  शिथिल शरीर फटा वसन सा।    करुण वेदना मेरे मन में,   अब अंधकार है जीवन में।    अब मुखरित संगीत नहीं,     राग नहीं, अब रंग नहीं।     मन में कोई हौस नहीं,  सतत जिजीविषा रही नहीं।  मेरे जीवन में अब मत आना,   ना खुशियों के फूल खिलाना।   भंवरों के संग भंवरे लेना,   उनके साथ बसेरा करना। -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-  मनोज कुमार 'अनमोल'      रतापुर, रायबरेली        (उत्तर प्रदेश)