ठण्ड लग रही हैl

     शायरी 
-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-
नफरतों की आग, 
दिलों में बढ़ रही है।
फिर भी लोग कहते हैं, 
कि ठंड लग रही है।।
-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-
मनोज कुमार अनमोल

Comments

Popular posts from this blog

अकेले हम, अकेले तुम

सरस्वती वंदना

हिन्दी पहेलियाँ