पेड़ लगाए
आओ मिल सब पेड़ लगाएं,
हरा-भरा धरती को बनाए।
वृक्ष बड़े उपकारी हैं,
इनकी महिमा न्यारी है।
धरती मां के यह श्रृंगार,
प्राणवायु के यह भंडार।
मृदा क्षरण को जड़ से रोके,
दूषित वायु को यह सोखे।
जीव-जंतु की भूख मिटाते,
मृदु छाया में वह सुस्ताते।
नीड बनाते खग इन पर,
झूला-झूले हम उन पर।
यह देते औषधियां न्यारी,
जो करती हैं दूर बीमारी।
वृक्षों के हैं बड़े उपयोग,
इनसे चलते हैं उद्योग।
अनंत हैं इनके उपकार,
मानो तुम इनका आभार।
यह कुदरत के अनमोल तोहफे,
प्रभु जी ने जो हमको सौपे।
⛤⛤⛤⛤
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मनोज कुमार 'अनमोल'
⚘रायबरेली⚘
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