मेरी मैडम

       मेरी मैडम
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मेरी मैडम कितनी अच्छी,
भोली-भाली मन की सच्ची।
मन लगाकर हमें पढ़ाती, 
सब विषयों का ज्ञान कराती। 
ज्ञान का दीपक हमें दिखाती, 
सही राह पर चलना सिखाती।
खेल-खेल में हमें पढ़ाती, 
इसीलिए हम सबको भाती। 
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   मनोज कुमार अनमोल 
      रतापुर, रायबरेली 
         (उत्तर प्रदेश)

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