प्रधानी चुनाव

            परधानी चुनाव 
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    आ गए परधानी कै चुनाव,
    छुअन लगे नेता सबके पांव।
       करि रहै अच्छा बर्ताव,   
     बदलि गयो उनका स्वभाव। 
    अजमा रहे सब आपन दांव, 
 कहि रहें अबकी हमका जिताव। 
   मगर सुनि लेव हमार प्रस्ताव, 
     उनकी बातन मा ना आव। 
       चाहे जतना डारै दबाव, 
वोटन खातिर ना करेंव मोल-भाव। 
जो लागै तुमका अच्छा महानुभाव, 
उहिके खाना मा चुप्पे मोहर लगाव।
      उहिका तुम सरपंच बनाव।।
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        मनोज कुमार 'अनमोल' 
            रतापुर, रायबरेली 
              (उत्तर प्रदेश)

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