मजदूर दिवस
मजदूर दिवस
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जी हां हुजूर, मैं हूं मजदूर,
श्रम के नशे में होकर चूर,
काम करता हूं भरपूर,
पेट की आग बुझाने के लिए,
घर परिवार चलाने के लिए,
चिलचिलाती धूप भी है मंजूर,
मैं शोषित, पीड़ित और मजबूर
रह रहा हूं अपनों से दूर,
जी हां हुजूर, मैं हूं मजदूरl
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मनोज कुमार 'अनमोल'
रतापुर, रायबरेली (उत्तर प्रदेश)
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