गौरैया प्यारी

गौरैया प्यारी
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कहां गई गौरैया प्यारी? 
अब ना दिखती है बेचारी। 
सूना आंगन, सूनी अटारी, 
बाग, बगीचे और फुलवारी।
ध्वनि थी जिसकी एकदम न्यारी,
चुगने आती बारी-बारी।
थी नन्हीं वो जीवधारी,
संकटग्रस्त हुई बेचारी। 
आओ बने हम मंगलकारी, 
यह संदेश खगहित में जारी।
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मनोज कुमार अनमोल
  रतापुर, रायबरेली 
      उत्तर प्रदेश

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