कुँअर कन्हैया

कुँअर कन्हैया
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रूठ गया है कुँअर कन्हैया,
माखन मिसरी न खाए भइया।
उसे मनाए यशोमती मइया,
जिद करता है चराऊँगा गइया।
बलदाऊ के संग जाऊँगा मइया,
यमुना तीरे कदंब की छइया।
मुरली अपनी बजाऊँगा मइया,
ग्वालों के संग नाचूँगा, ता-ता थैया।
यह सुनकर फिर बोली मइया,
प्रात होत चले जाना कन्हैया।
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मनोज कुमार अनमोल 
   रतापुर, रायबरेली 
       उत्तर प्रदेश

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