हाथी

हाथी
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सूँड़ हिलाता आता हाथी,
गंगू महावत उसका साथी।
भारी-भरकम उसका गात,
मुख से निकले हैं दो दाँत।
कान है उसके बड़े-बड़े,
डरकर बच्चे रहे खड़े।
छोटी पूँछ हिलाता है,
पत्तियाँ गन्ने खाता है।
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मनोज कुमार अनमोल 
रतापुर, रायबरेली 
उत्तर प्रदेश

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