मच्छर

मच्छर
---------------------------------              
मच्छर ने मुझको काटा, 
मैंने मच्छर को डांटा। 
तुमने मुझको क्यों काटा? 
खा लेते तुम आटा-भाटा। 
अगर नहीं तुम होते इतने नाटा,
तो मैं अपना उठाता पाटा। 
चाहे हो जाता मेरा घाटा, 
मारकर मैं तुझसे करता टाटा।
---------------------------------------
मनोज कुमार अनमोल  
रतापुर, रायबरेली 
उत्तर प्रदेश

Comments

Popular posts from this blog

अकेले हम, अकेले तुम

सरस्वती वंदना

हिन्दी पहेलियाँ