चिन्टू की सोच

चिन्टू की सोच 
-------------------------------------------
चिन्टू बोला मम्मी से एक बात समझ नहीं आती,
गणपति का वाहन है चूहा ये बात नहीं सुहाती।
हाथी का बच्चा कितना भारी-भरकम होता है,
उसका सिर भी कितना बड़ा सा होता है।
नन्हा चूहा एकदम हल्का-फुल्का सा होता है,
उसका वजन भी हाथी से बहुत न्यूनतम होता है।
मम्मी मैं कैसे मानूं चूहा है उनका वाहन?
जिस पर शान से बैठते होंगे गजानन।
चूहे पर यदि वह बैठ गए तो चूहा मर जाएगा,
चूहे द्वारा खाया गया कच्चा पक्का बाहर निकल आयेगा।
मैं तो सोचता हूँ  शिवजी उनको दिला दे कार फरारी,
जिस पर बैठकर वो प्रतिदिन फिर करे सवारी।
------------------------------------------
मनोज कुमार अनमोल
रतापुर, रायबरेली 
उत्तर प्रदेश

Comments

Popular posts from this blog

अकेले हम, अकेले तुम

हिन्दी पहेलियाँ

सरस्वती वंदना