गाय
गाय
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भोली-भाली मेरी गइया,
जिसको दुहती मेरी मइया।
हरी घास, भूसा है खाती,
खेतों में भी चरने जाती है।
संध्या को फिर वापस आती,
मीठा-मीठा दूध पिलाती।
गोबर आता खाद के काम,
गौ माता है इसका नाम।
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मनोज कुमार अनमोल
रतापुर, रायबरेली
उत्तर प्रदेश
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