तितली रानी
तितली रानी
--------------------------
रंग-बिरंगी कितनी प्यारी,
तितली देखो लगती न्यारी।
बाग-बगीचे में उड़ती है,
फूलों से यह रस पीती है।
तितली जब बगिया में आती,
फूल-फूल पर ये मंडराती।
बच्चों को यह खूब भाती,
पर हाथ नहीं उनके आती।
ये चंचल पंख हिलाती है,
दूर-दूर उड़ जाती है।
--------------------------
मनोज कुमार अनमोल
रतापुर, रायबरेली
उत्तर प्रदेश
Comments
Post a Comment