तितली रानी

      तितली रानी
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रंग-बिरंगी कितनी प्यारी, 
तितली देखो लगती न्यारी। 
बाग-बगीचे में उड़ती है, 
फूलों से यह रस पीती है। 
तितली जब बगिया में आती,
फूल-फूल पर ये मंडराती। 
बच्चों को यह खूब भाती, 
पर हाथ नहीं उनके आती। 
ये चंचल पंख हिलाती है, 
दूर-दूर उड़ जाती है।
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मनोज कुमार अनमोल 
   रतापुर, रायबरेली 
        उत्तर प्रदेश

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