शायरी
शायरी
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आओ बिता ले ज़िन्दगी हँस - हँसकर ,
बाधाएं तो आती रहेंगी समन्दर बन कर ।
जो कुछ है उसी में तू सुख कर ,
चार दिन की ज़िन्दगी जी ले तू जमकर ।
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मनोज कुमार अनमोल
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