उपदेश

उपदेश 
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धन की पिपासा कभी बुझ ना पाती।
कामना-कलश कभी भर ना पाती,
सदा से मनुज को ये है सताती,
जिंदगी की बाती सुलगती ही जाती।
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मनोज कुमार अनमोल 


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