शायरी


शायरी 
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हसरत है आपसे एक मुलाकात की, 
हकीकत ना सही मगर ख्व़ाब की। 
शीतल किरणें आएं छनकर महताब की, 
मगर वह घड़ी ना आएं वियोग प्रभात की।
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मनोज कुमार अनमोल 

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