शायरी

शायरी 
------------------------------------------------------------
तेरी यादें आती रहेगी प्रतिपल लहर बनकर,
मुझे सताती रहेंगी सदा कहर बनकर।
तुम क्यों आयी मेरी जिंदगी में जहर बनकर?
क्या पतझड़ में फिर आओगी तुम बसंत बनकर?
-----------------------------------------------------------
मनोज कुमार अनमोल 

Comments

Popular posts from this blog

अपना भारत देश महान

लिखूंगा एक दिन इश्क़ पर किताब

सरस्वती वंदना