शायरी

शायरी 
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आज भी हम उन्हें याद करते हैं, 
रब से उनकी ही फरियाद करते हैं। 
ख्व़ाब में उनसे ही संवाद करते हैं, 
हम मुहब्बत उनसे बेहिसाब करते हैं।
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मनोज कुमार अनमोल 

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