शायरी
शायरी
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आँसुओं के सैलाब को बह जाने दो,
ख़्वाबों के रेत के घरोंदे ढह जाने दो।
दिल के दर्द को सीने में सह जाने दो,
वो जहाँ खुश है उसे वही रह जाने दो।
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मनोज कुमार अनमोल
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