पिता

           पिता 
------------------------------------------------------------
पिता का ऊँचा दर्जा है आसमान से,
धर्मराज ने बताया था यक्ष को इत्मीनान से।
पिता बचाता है संतान को हर मुश्किल तूफान से,
शास्त्रों में उसकी तुलना की गई है भगवान से।
------------------------------------------------------------
          मनोज कुमार अनमोल
             रतापुर, रायबरेली 

Comments

Popular posts from this blog

अकेले हम, अकेले तुम

सरस्वती वंदना

हिन्दी पहेलियाँ