शायरी
शायरी
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ऐ ख़ुदा इश्क़ में इतना ना तड़पाया कर,
मिलाकर महबूब से ना बिछड़ाया कर।
तुझे तेरी रहमतो का, ऐ ख़ुदा है वास्ता,
उनसे मिलाने का तू ही दिखा कोई रास्ता।
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मनोज कुमार अनमोल
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