हे प्रभु!

हे प्रभु!
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हे प्रभु! मैं आपके कितने हूँ करीब,
फिर भी मैं कितना हूँ बदनसीब?
कब बदलेगा प्रभु मेरा नसीब?
आप ही बताओ कोई तरक़ीब।
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मनोज कुमार अनमोल 

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