शायरी

शायरी 
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कहाँ चले गए तुम मुझे छोड़ कर?
उम्र गुजरेगी अब मेरी रो-रो कर।
जी ना पाएंगे हम तुम्हें खोकर,
नियति ने मारी यह कैसी ठोकर?
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मनोज कुमार अनमोल

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