तेरा हुस्न है लाजवाब (शायरी)

तेरा हुस्न है लाजवाब (शायरी)
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तेरा हुस्न है लाजवाब,
देख कर दिल होता है बेताब।
तू हक़ीक़त है या ख़्वाब,
तू रब की कृति है नायाब।
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मनोज कुमार अनमोल 

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