ये हुस्न, ये शबाब (शायरी

ये हुस्न, ये शबाब (शायरी)
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ये हुस्न, ये शबाब,
जो लगता लाजवाब।
सदा ना रहेगा जनाब,
एक दिन हो जाएगा खराब।
इसलिए मत हो बेताब, 
और ना देखना इसके ख़्वाब। 
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मनोज कुमार अनमोल 

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