कितना ख़ूबसूरत है नज़ारा?

 कितना ख़ूबसूरत है नज़ारा?
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प्रकृति का कितना ख़ूबसूरत है नज़ारा?
आँखों में बसा लूँ लगता है इतना प्यारा,
ख़ुदा ने अपने हाथों से है इसे सँवारा।
फिर आऊँगा देखने मैं यहाँ दोबारा।
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मनोज कुमार अनमोल 

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