आओ सड़क पर धान लगाएं (कविता)
आओ सड़क पर धान लगाएं (कविता)
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आओ सड़क पर धान लगाएं,
कुम्भकर्णी प्रशासन को जगाएं।
आओ सुर में सुर मिलाएं,
अपना विरोध दर्ज़ कराएं।
कदम तुम्हारे ना डगमगाएं,
धरना देकर सबको चेताएं।
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मनोज कुमार अनमोल
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