मैं समन्दर सा हूँ खारा

मैं समन्दर सा हूँ खारा
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मैं समन्दर सा हूँ खारा, 
फिरता मारा-मारा।
कोई कहता है आवारा, 
कोई कहता बेचारा।
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मनोज कुमार अनमोल 

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