ज़िंदगी का सफ़र
ज़िंदगी का सफ़र
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कितना कठिन होता है ज़िंदगी का सफ़र,
अगर साथ ना हो अपना हमसफ़र।
शूल जैसी मुश्किलें मिलती है हर डगर,
हमसफ़र बढ़ाता है आगे उनको उखाड़ कर।
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मनोज कुमार अनमोल
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