अरी ओ जन्नत की हूर

अरी ओ जन्नत की हूर
--------------------------------------
अरी ओ जन्नत की हूर,
बरक़रार रहे तेरे चेहरे का नूर।
तू हो जाए भू पर मशहूर,
ना हो तुझे हुस्न का ग़ुरूर।
---------‌----------------------------
मनोज कुमार अनमोल 


Comments

Popular posts from this blog

सरस्वती वंदना

अपना भारत देश महान

जब चाँद ने किया मेरे चाँद का दीदार