अरी ओ जन्नत की हूर

अरी ओ जन्नत की हूर
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अरी ओ जन्नत की हूर,
बरक़रार रहे तेरे चेहरे का नूर।
तू हो जाए भू पर मशहूर,
ना हो तुझे हुस्न का ग़ुरूर।
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मनोज कुमार अनमोल 


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