उलफ़त भरी यह तेरी निगाह

उलफ़त भरी यह तेरी निगाह
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उलफ़त भरी यह तेरी निगाह,
हम आशिकों को करती है तबाह।
बचाए इन हसीनाओं से अल्लाह,
नजरों के तीर से क़त्ल करती बेगुनाह।
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मनोज कुमार अनमोल 

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