विदा हुई थी जिस दिन तेरी बारात
विदा हुई थी जिस दिन तेरी बारात
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विदा हुई थी जिस दिन तेरी बारात,
मैं करता रहा नयनों से बरसात।
तड़पता रहा याद करके दिन-रात,
आत्महत्या करने के आते थे ख़यालात।
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मनोज कुमार अनमोल
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