इश्क़ का जाम
इश्क़ का जाम
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पिलाया है तुमने जब से इश्क़ का जाम,
ना दिन कटता है, ना कटती है शाम।
सोना भी अब हो गया है हराम,
पुकारता हूँ बस तेरा ही नाम।
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मनोज कुमार अनमोल
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