लगा दूँ तेरे गुलाल

लगा दूँ तेरे गुलाल
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सोचता हूँ लगा दूँ तेरे गुलाल,
और गुलाबी गालों को कर दूँ लाल।
पर डरता हूँ कहीं कोई हो ना जाएं बवाल,
इसलिए इस सोच को देता हूँ अभी टाल।
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मनोज कुमार अनमोल 

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