तारो मेरे प्रभु घनश्याम
तारो मेरे प्रभु घनश्याम
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अब ना रहीं हसरतें तमाम,
ज़िन्दगी की सुबह गई आई शाम।
चहुँओर जीवन में मचा है कोहराम,
अब तो तारो मेरे प्रभु घनश्याम।
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मनोज कुमार अनमोल
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