इस क्षणभंगुर जीवन में
इस क्षणभंगुर जीवन में
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इस क्षणभंगुर जीवन में,
मैंने क्या-क्या सपने देखे?
कुछ पूरे हुए, कुछ अधूरे हुए,
कुछ पूरे करने की चाह है,
कुछ अधूरे छोड़ कर,
पकड़नी नई राह है।
इस क्षणभंगुर जीवन में.....
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मनोज कुमार अनमोल
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