क्या तुम्हें कभी आता है मेरा ख़्याल?
क्या तुम्हें कभी आता है मेरा ख़्याल? ----------------------------------------------------- कभी मिलो तो जुबां पर रहेगा एक ही सवाल, क्या तुम्हें कभी आता है मेरा ख़्याल? क्या ज़िन्दगी है तुम्हारी खुशहाल? या मेरी तरह भी है तुम्हारी बदहाल। ----------------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल