मैं नारी हूँ -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×-×- मैं वसुधा की नारी हूँ, जन-जन मंगलकारी हूँ ..... मैं फूलों की क्यारी हूँ, बच्चों की किलकारी हूँ। गृहिणी, भगिनी, महतारी हूँ, घर-घर की उजियारी हूँ। मैं वसुधा की नारी हूँ, जन-जन मंगलकारी हूँ ..... मैं प्रियतम की प्यारी हूँ, प्रेम की पिचकारी हूँ। कृति ब्रह्मा की न्यारी हूँ, श्रद्धा की अधिकारी हूँ। मैं वसुधा की नारी हूँ, जन-जन मंगलकारी हूँ ..... मैं दुर्गा की अवतारी हूँ, मैं सिंह गर्जना कारी हूँ। दुष्टों पर मैं भारी हूूँ, विघ्नों से ना हारी हूूँ। मैं वसुधा की नारी हूँ, जन-जन मंगलकारी हूँ ..... मैं अबला, ना बेचारी हूँ, नर से भारी नारी हूँ। भारत मां की दुलारी हूँ, मैं सबकी हितकारी हूँ। मैं वसुधा की नारी हूँ, जन-जन मंगलकारी हूँ ..... -×-×-×-×-×-×-×-×-×-×--×- मनोज कुमार अनमोल रतापुर, रायबरेली उत्तर प्रदेश