मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ
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मैं वसुधा की नारी हूँ,
जन-जन मंगलकारी हूँ .....
मैं फूलों की क्यारी हूँ,
बच्चों की किलकारी हूँ।
गृहिणी, भगिनी, महतारी हूँ,
घर-घर की उजियारी हूँ।
मैं वसुधा की नारी हूँ,
जन-जन मंगलकारी हूँ .....
मैं प्रियतम की प्यारी हूँ,
प्रेम की पिचकारी हूँ।
कृति ब्रह्मा की न्यारी हूँ,
श्रद्धा की अधिकारी हूँ।
मैं वसुधा की नारी हूँ,
जन-जन मंगलकारी हूँ .....
मैं दुर्गा की अवतारी हूँ,
मैं सिंह गर्जना कारी हूँ।
दुष्टों पर मैं भारी हूूँ,
विघ्नों से ना हारी हूूँ।
मैं वसुधा की नारी हूँ,
जन-जन मंगलकारी हूँ .....
मैं अबला, ना बेचारी हूँ,
नर से भारी नारी हूँ।
भारत मां की दुलारी हूँ,
मैं सबकी हितकारी हूँ।
मैं वसुधा की नारी हूँ,
जन-जन मंगलकारी हूँ .....
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मनोज कुमार अनमोल
रतापुर, रायबरेली
उत्तर प्रदेश
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