कितना सुन्दर तेरा रूप?

कितना सुन्दर तेरा रूप?
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कितना सुन्दर तेरा रूप?
लगती है तू बड़ी अनूप।
मृग नयनों में ना जाऊँ डूब,
इसीलिए पहन रखी है ट्यूब।
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मनोज कुमार अनमोल 

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