हे दीनों के दीनदयाल

हे दीनों के दीनदयाल
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हे दीनों के दीनदयाल,
हे मुरलीधर, नन्द गोपाल।
माखन, मिश्री लेकर थाल,
बैठी राधा है बेहाल।
दर्शन दो उसको तत्काल,
कष्ट हरो, करो निहाल।
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मनोज कुमार अनमोल 

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