स्वप्न होते हैं वहीं साकार

स्वप्न होते हैं वहीं साकार
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स्वप्न होते हैं वहीं साकार,
प्रयास हो जिसके लिए धुआँधार।
अड़चनें तो राह में आएंगी हजार,
पर पग बढ़ाते रहना मत मानना हार।
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मनोज कुमार अनमोल 

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