जो मुझे लगते थे नायाब
जो मुझे लगते थे नायाब -------------------------------------------- जो मुझे लगते थे नायाब, दिल था जिसके लिए बेताब। रात-दिन जिसके देखता था ख़्वाब, पिलाया उन्होंने मुझे पानी में तेजाब। -------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल