तारो मेरे प्रभु घनश्याम
तारो मेरे प्रभु घनश्याम ------------------------------------------ अब ना रहीं हसरतें तमाम, ज़िन्दगी की सुबह गई आई शाम। चहुँओर जीवन में मचा है कोहराम, अब तो तारो मेरे प्रभु घनश्याम। ------------------------------------------ मनोज कुमार अनमोल