मुक्तक -------------------------------------- तुम सदा मुस्कुराती रहो, खुशियों के गीत गाती रहो। कामयाबी के पग बढ़ाती रहो, अँधेरी राहों में जगमगाती रहो। -------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
‐------------------------------------------ जब न दिखा उसे कोई नफ़ा, जानबूझकर हो गई मुझसे ख़फ़ा। मेरे प्यार को उसने कर दिया दफ़ा, यारों अब तो वह हो गई बेवफ़ा। ‐----------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
शायरी ------------------------------------------ तेरे बिना जीवन है उदास, लौट कर आओगी ऐसी है आस। अब तो आ गया मधुमास, आओ प्रिये फिर से करें रोमांस। ------------------------------------------ मनोज कुमार अनमोल
श्रद्धांजलि -----------------------------------‐------- एक गजल गायक था बिंदास, जिसकी आवाज में थी मिठास, संगीत प्रेमियों के लिए था जो खास, जो बन गया आज इतिहास, आत्मा शांति हेतु करें अरदास। श्रद्धांजलि.... पंकज उधास।। ------------------------------------------ मनोज कुमार अनमोल
Happy Anniversary --------------------------------------------- सात फेरों का बंधन न टूटे कभी, रब से खुशियां मिले आपको सभी। दुःख दर्द न आने पायें जीवन में कभी, ऐसी दुआएं हम देते सभी --------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
शायरी -------------------------------------- हम इश्क उनसे निभाते रहे, उनके लिए हम गीत गाते रहे। खर्च उनका हम सब उठाते रहे, वे हाजमोला खाकर पचाते रहे। -------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
उपदेश ‐‐------------------------------------------ धन की पिपासा कभी बुझ ना पाती। कामना-कलश कभी भर ना पाती, सदा से मनुज को ये है सताती, जिंदगी की बाती सुलगती ही जाती। -------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
शायरी --------------------------------------------------- आकर कभी इज़हार कर जाओ, हाँ तुमसे प्यार है एक बार कह जाओ। दर्दे दिल की दवा आकर पिला जाओ, हक़ीक़त में न सही तो ख्व़ाब में आ जाओ। --------------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
शायरी ------------------------------------------------- हसरत है आपसे एक मुलाकात की, हकीकत ना सही मगर ख्व़ाब की। शीतल किरणें आएं छनकर महताब की, मगर वह घड़ी ना आएं वियोग प्रभात की। ------------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
गणपति महाराज ----------------------------------------- हे गौरी नंदन, गणपति महाराज, पूर्ण करो तुम सबके काज। हम भक्त पधारे दर पर आज, कैसे विनती करूँ नहीं अल्फ़ाज? ----------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
शायरी ------------------------------------------- एक दिन वक्त बदलेगा हमारा, मैं न भटकूंगा मारा-मारा। मुड़ कर देखोगी मुझे दोबारा, सोचोगी फिर से मैं हो जाऊँ तुम्हारा। ------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
मैं राधा रानी --------------------------------------------- युगों-युगों तक अमर रहेगी, अपनी प्रेम कहानी, मैं श्याम की दीवानी, राधा रानी..... हे ब्रजमोहन ! बांके बिहारी, दरश को तरसे अँखियां प्यारी, तुम बिन भटकूँ मारी-मारी, मैंने प्रीत तुम्हीं से ठानी, मैं वृषभानु की दुलारी, राधा रानी..... -------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
पहेली -7 ---------------------------------------- सत्य-अहिंसा से था जिनका नाता, पुतलीबाई थी जिनकी माता। जिनकी जयन्ती देश मनाता, क्या कोई है इसका उत्तर दाता? ----------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल ------------------------------------------ उत्तर - महात्मा गांधी
मैं समन्दर सा हूँ खारा -------------------------------------------------------------- मैं समन्दर सा हूँ खारा ... फिरता मारा-मारा, तू तो है एक हिम नदी सी ... मृदु जल तेरा सारा। मनोज कुमार अनमोल हिम नदी जाकर ... समन्दर में समाती, तू मेरा दीपक ... मैं तेरी बाती। शोभना अनमोल --------------------------------------------------------------
शायरी ----------------------------------------------------- आओ बिता ले ज़िन्दगी हँस - हँसकर , बाधाएं तो आती रहेंगी समन्दर बन कर । जो कुछ है उसी में तू सुख कर , चार दिन की ज़िन्दगी जी ले तू जमकर । ------------------------------------------------------ मनोज कुमार अनमोल
शायरी - 1 ---------------------------------------------------- ऐ मेरे चाँद... ! तू ही बता, कौन सी हो गई... मुझसे ख़ता? वह किस लिए, मुझसे अनजान हो गए, रोज मिलने वाले, क्यों ईद का चाँद हो गए? ---------------------------------------------------- शायरी - 2 -------------------------------------------------------------- कभी-कभी वह मेरी कब्र पर आ जाती है, पहले प्यार में दिए गए फूलों का कर्ज चुका जाती है। --------------------------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
हिन्दी पहेलियाँ ----------------------------------------------------------------- पहेली - 1 ------------------------------ कौन कवि थे ऐसे नागर? जो भरते गागर में सागर। रचना थी जिनकी सतसई, जयसिंह के थे राजकवि। ------------------------------ उत्तर - बिहारीलाल पहेली - 2 ---------------------------------- कौन कृष्ण को प्रियतम मान, पद बनाकर करती गान? राणा से होकर परेशान, द्वारका को किया प्रस्थान। ---------------------------------- उत्तर - मीराबाई पहेली - 3 --------------------‐------------------------ कौन कवि थे निर्गुण संत? मगहर में हुआ जिनका अंत। विरोधी थे पाखण्डों के जीवन पर्यंत, बोलो नाम उनका तुरंत। ‐-------------------------------------------- उत्तर - कबीरदास पहेली - 4 ‐--------------------------------- एक कवि था एक नयना, अवधी में करता रचना। निर्गुण प्रेम की करें साधना, बूझो नाम करूँ सराहना। ----------------------------------- उत्तर - मलिक मुहम्मद जायसी पहेली - 5 ‐------------------
मुहब्बत है ---------------------------------------------------- कैसे कह दूँ मुझे तुमसे मुहब्बत है, आज से नहीं वर्षों-वर्षों से है। आप कहो तो दिल चीर के दिखा दूँ , उमड़ते प्यार के सैलाब से तुमको नहला दूँ। ---------------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल
ROSE DAY ------------------------------------------ मेरे ख्वाबों के बगीचे में वह रोज़... ROSE लिए आती है, मुझे चैन की नींद सोता देखकर... वह रोज़ मुस्कुराती है, ROSE मेरे सिरहाने रखकर... ओस की भांति विलुप्त हो जाती है। -------------------------------------------- मनोज कुमार अनमोल